सपने - (भाग-11)

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सपने.........(भाग-10)आदित्य और श्रीकांत के जाने के बाद आस्था कुछ उदास हो गयी थी, उसने काफी देर स्नेहा से बात की तो थोड़ा ठीक हो गया था उसका मन.......पढाई के साथ मस्ती भी करते रहते थे सब.....आस्था ने अपनी एक खास जगह बना ली थी टीचर्स और दोस्तों के दिलो में...... हँसी मजाक पढाई, वर्कशॉप सब कामों में वो बढ चढ कर हिस्सा लेती। आस्था संडे को भी बिजी रहने लग गयी थी। दोस्ती सबसे हो गयी तो एक ग्रुप बन गया था। फिर तो बाहर घूमने का प्रोग्राम बन ही जाता। कई बार घर भी चली जाती थी....और कभी घर