एक नई सुबह हो चुकी थी... आंखो मे एक खुशी कि चमक लिए सभी लोग.. तैयारियों में लगे हुए थे.. सिंघानिया मेंशन को फूलों से सजाया जा रहा था.. मोहित और उसके कजिन भाई डेकोरेशन और मंडप मुहूर्त कि तैयारियों मे लगे हुए थे.. दूसरे रिलेटिव्स एस ओलवेज गपशप करने में लगे पड़े थे.. बच्चे इधर उधर भाग कर खेल रहे थे.. लड़कियां... रात के संगीत कि प्रेक्टिस मे मशगूल थी.. संजना , किंजल और मीरा तैयार हो रही थी.. इस तरफ सौरभ और दादी भी अनिरूद्ध के साथ आने के लिए तैयार हो रहे थे.." दादी आप का वहा