नकाब - 18

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भाग 18 पिछले भाग में आपने पढ़ा की बुआ कांति देवी के मुंह से अपनी शादी की बात सुन कर गुड़िया का मूड बिगड़ जाता है और वो बिना किसी से बात किए अपने कमरे में चली जाती है। रात के खाने पर वैदेही उसे बुलाने जाती है तो गुड़िया उसे ही अपना कसूरवार बना कर खूब खरी खोटी सुनाती है। अब आगे पढ़े – गुड़िया की तेज तल्ख आवाज को कमरे की दीवारे दबा ना पाई। आवाज डाइनिंग हॉल में खाना खाते ठाकुर गजराज सिंह और राघव को भी सुनाई दे रही थी। ठाकुर साहब अपना आधा भोजन समाप्त