Exploring East India and Bhutan Chapter - 9 छटा दिन “उठो और मानसी को भी जल्दी तेयार होने को कहो “ मेने सुबह उठ कर, विनीता को हिलाते हुए कहा. “सोने दो, रात कितनी देर से सोये थे“ विनीता ने अपने आप को ब्लंकेट में समेट लिया “उठो या में भी बिस्तर में आता हूँ” “तुम जरा रुको” विनता ने तकिया गोली की तरह मेरी तरफ फेंका “चलो, बस 10 मिनट दिए” मेने अपनी जान बचाई फिर विनीता ने उठकर पहले मानसी को कॉल किया “वह फ़ोन नही उठा रही“ “कोई बात नही, बाथरूम में होगी“ मेने अंदाजा