गोपाल साधना के साथ गाँव के नुक्कड़ पर पहुँचा, जहाँ डॉक्टर बलराम सिंह की डिस्पेंसरी थी। डॉक्टर बलराम समय के पाबंद थे सो सही समय पर आ गए थे। डिस्पेंसरी के बाहर मरीजों की कतार लगी हुई थी। डॉक्टर बलराम अंदर के हिस्से में किसी मरीज का चेकअप कर रहे थे।अमूमन उनका सहयोगी भोला राम नंबर के मुताबिक नाम पुकारता और फिर मरीज अपनी बारी आने पर डॉक्टर के कक्ष में प्रवेश पाता। सिरदर्द से बेहाल गोपाल मरीजों की कतार में जाकर खड़ा हो गया। जमनादास भी उसके साथ ही था। उनके साथ खड़ी साधना काफी परेशान नजर आ रही