सुबह हो चुकी थी और संजना और किंजल अभी भी सो रही थी.." मोहित जा तो जरा दोनो बहनो को उठा के आ तो.. १० बजे पूजा है और अभी भी घोड़े बेच के सो रही है " रागिनी जी बोली और फिर पूजा कि तैयारियों मे लग गई.." हा मम्मा.." मोहित संजना को उठाने उसके कमरे में गया। संजना को इतने सुकून से सोया हुआ देखकर मोहित का मन ही नहीं किया उसे उठाने का..वो धीमे से उसके पास बैठ गया..और धीमे से उसके सिर पर हाथ फेरने लगा..तभी फिर से रागिनी जी ने आवाज लगाई.. और अब मोहित