42 - पलायन की योजना पहले बताया जा चुका है कि बहुत धनी और बड़े जमींदार के दिवालिया हो जाने पर लेग्री ने बहुत सस्ते में उसका यह मकान और खेत खरीद लिया था। यह मकान बहुत बड़ा था, इसमें बहुत पुरानी कोठरियाँ थीं। जमींदार के शासन में यहाँ अनजान लोग रहते थे; पर जब से यह मकान लेग्री के हाथ में आया है, तब से इसके चार-पाँच सहन तो बिलकुल सूने पड़े रहते हैं। लेग्री का व्यापार कोई बहुत लंबा-चौड़ा न था, और न वह वैसा संपन्न ही था। कुछ दिनों पहले, जब वह जहाज का कप्तान था, उसने