39 - संवेदना का प्रभाव कासी ने कमरे के अंदर पहुँच कर देखा कि एमेलिन एक कोने में दुबकी हुई भयभीत बैठी है। उसका चेहरा पीला पड़ा हुआ है। कासी के आने की आहट सुनकर वह चौंक उठी। पर उसने जब कासी को देखा तो दौड़कर उसकी बाँहें पकड़ लीं और बोली - "कासी! तुम हो? मैंने सोचा था, कोई और आ रहा है। बड़ा अच्छा हुआ जो तुम आ गई। मुझे डर बहुत ही सता रहा था। तुम नहीं जानती हो कि नीचे के कमरे में कितना भयंकर शोर हो रहा है।" कासी ने कहा - "मैं सब जानती