32 - मेरी की क्रूरता गुलामों के मालिक के मर जाने पर या कर्जदार हो जाने पर गुलामों पर बड़ी विपत्ति आया करती है। इस दशा में पहले मालिक के उत्तराधिकारी या उनके महाजन इन अभागे, असहाय तथा अनाथ गुलामों को प्राय: नीलाम कर डालते हैं। उस समय माता की गोद से बालक को और लज्जा के पास से स्त्री को अलग होना पड़ता है। जिस बच्चे के माँ-बाप मर जाते हैं और उनका पालन-पोषण उसके आत्मीय जन करते हैं, उसे देशप्रचलित कानून के अनुसार, मनुष्य के अधिकारों से वंचित नहीं होना पड़ता। पर क्रीत दासों को किसी प्रकार के