गोपाल और साधना की शादी को लगभग एक महीना हो चुका था। गोपाल रोज सुबह जल्दी उठता और आँगन में ही नहाधोकर तैयार हो जाता और पैदल ही स्कूल पहुँच जाता। खुद खड़े होकर बच्चों से स्कूल की साफ़ सफाई करवा देता। आज एक महीने में उसने स्कूल के साथ ही आसपास के परिसर को भी स्वच्छ करवा दिया था। बच्चों को भी प्यार से स्वच्छता का महत्त्व समझाते हुए उन्हें भी स्वच्छ धुले हुए कपडे पहनना सीखा दिया था। स्कूल के तीनों कक्षा के सभी छात्र तो उससे खुश थे ही अन्य छात्र भी उससे काफी प्रसन्न रहते। अक्सर