चार्जर

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रीत विद्यालय में अध्यापिका थी। वह अपने पति के साथ रहती थी।उसकी नई नई शादी हुई थी । पढ़ाने का बहुत शौक था ।लगन और मेहनत से काम करना उसे पसंद था। ओहदे और उम्र दोनो में बड़े व्यक्तियों का बहुत सम्मान करती थी। उसकी इसी वर्ष पास ही के विद्यालय में नौकरी लगी थी। रोज सुबह तैयार होकर बड़े मन से काम करने जाती थी। और अपना फोन चार्ज करने के लिए चार्जर भी ले जाती थी।एक दिन उसकी कॉर्डिनेटर चार्जर लाना भूल गई। दानी स्वभाव के कारण रीत ने अपना चार्जर उनको दे दिया ।उनकी मदद करने के