टॉम काका की कुटिया - 30

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30 - मृत्यु के उपरांत इवान्जेलिन की निर्मल आत्मा मंगलमय के मंगल-धाम को चली गई। जीवन से शून्य शरीर घर में पड़ा हुआ है। उसके शयनागार में रखी पत्थर की मूर्तियों और चित्र आदि को सफेद वस्त्रों से ढक दिया जाता है। घर में गहरा सन्नाटा है। बीच-बीच में पैरों की मंद-मंद आहट सुनाई पड़ जाती है। बंद खिड़कियों से बाहर की धुँधली रोशनी अंदर आकर घर के सन्नाटे को और भी बढ़ा रही है।  बिस्तर सफेद चादर से ढका पड़ा है और उसी पर वह नन्हीं सोयी हुई है - ऐसी नींद में, जो कभी खुलने की नहीं।  बालिका