4 - टॉम की बिक्री टॉम को बेचने के संबंध में हेली से शेल्वी साहब की जो बातचीत हुई थी, वह पहले अध्याय में लिखी जा चुकी है। उसे पढ़कर पाठकों को केवल इतना मालूम हुआ होगा कि शेल्वी साहब के यहाँ टॉम नाम का एक स्वामिभक्त क्रीत दास था और उसे खरीदने के लिए ही हेली शेल्वी साहब के पास आया था। इस अध्याय में हम टॉम का विशेष परिचय देते हैं। टॉम यद्यपि अफ्रीका-वासी काला क्रीत दास था, फिर भी उसे धर्माधर्म का खूब ज्ञान था। वह बहुत ही सीधा, परिश्रमी और सदाचारी था। स्वार्थपरता उसे छू तक