आराध्या अनमनी सी सोफे पर बैठी विगत जगत में विचरण कर रही थी, सामने टेबल पर रखी चाय भाप उड़ाकर कोल्ड टी में बदल चुकी थी।अभी 14 दिन पहले तो सब ठीक ही प्रतीत हो रहा था या शायद सामान्य रहने का भ्रम मात्र था। आराध्या और उससे बड़ी बहन,दो संतान थीं अपने माता-पिता की।सरकारी नौकरी में क्लर्क के पद पर कार्यरत पिता ने रिटायरमेंट से पूर्व एक तीन कमरों का छोटा सा मकान बनवा लिया था।बड़ी बहन के विवाह के समय वह बीएड कर रही थी।सौभाग्य से बीएड करते ही सरकारी स्कूल में वह अध्यापिका हो गई।बहन की सास