प्रकरण 9 रणछोड़ दास की क्रूरता, शांति बहन की कारस्तानियां, जयश्री की परेशानियां और यशोदा की अमर हो चुकी लाचारी और दुर्बलता के कारण बिचारी केतकी का बचपन ही खो गया था। रोज-रोज का अपमान, भूखे रहना, अकेले रहना, रोते रहना, आते-जाते मार खाना, खेलकूद-सुख-शांति से वंचित रहना-इन सब बातों की अब उस नन्हीं सी जान को आदत हो चुकी थी। जयश्री को प्रायवेट ट्यूशन लगवाई गई थी, लेकिन केतकी जब होमवर्क करने बैठती तो उसकी खैर नहीं। रणछोड़ दास उसकी पुस्तके छीन कर कहीं ऊपर रख देता था। वह पढ़ाई करने बैठी नहीं कि शांतिबहन उसको कोई न कोई