गोलू भागा घर से - 24

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24 यहाँ से भाग जाओ बाबू! गोलू को रहने के लिए जो कमरा दिया गया था, वहाँ दूर-दूर तक एकांत था। बस, आसपास बड़े-बड़े गमलों और खूबसूरत क्यारियों में किस्म-किस्म के फूलों के पौधे, लॉन में गुलमोहर और पॉप्लर के पेड़ और कुछ दूर हरा-भरा जंगल नजर आ जाता था। रामप्यारी नाम की एक स्त्री उसके कमरे में झाड़ू-पोंछा और सफाई करने आती थी। गोलू कभी-कभी उससे यों ही बातें करता। रामप्यारी ने बताया कि वह मैनपुरी जिले की है। और जब उसे पता चला कि गोलू मक्खनपुर का है तो उसके मन में उसके लिए बहुत ममता उमड़ पड़ी।