विविधा - 42

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42-पुलिस, प्रेस, पब्लिक और पार्टियों का रिश्ता  पिछले कुछ वर्पों में शांति व्यवस्था और कानून के मामलों को लेकर काफी बहस हुई है। अक्सर कहीं पर घटी घ्टना को लेकर पुलिस, प्रेस, जनता और पार्टियां एक दूसरे पर दोपारोपण करती हैं। कहीं पुलिस को दोपी बताया जाता है, कहीं पुलिस प्रेस को जिम्मेदार ठहराती है तो अक्सर जनता और राजनैतिक पार्टियां अपने स्वार्थों के कारण प्रशासन और पुलिस पर बरसती रहती है। इस नाजुक रिश्ते पर बहस तो काफी होती है, मगर कोई ठोस नतीजे नहीं आते हैं, और ये चारों एक दूसरे की टांगें खींचते रहते हैं।   अपराधों की