41-आदिवासी असंतोप: कारण-निवारण आदिवासी-चार अक्षरों का एक छोटा सा नाम, लेकिन सामाजिक व्यवहार के रुप में अनेक समुदाय, जातियां और किस्मों में बंटा संसार। और इस संसार की अपनी समस्याएं, अपना परिवेश, अपने रीतिरिवाज। सामान्यतः शांत और सरल, लेकिन विद्रोह का नगाड़ा बजते ही पूरा समूह सम्पूर्ण प्रगतिशील शहररियों के लिए एक ऐसी चुनौती, जिसे सह पाना लगभग असंभव। एक चिंगारी जो कभी भी आग बनकर सबको लपेटने की क्षमता रखती है। आदिवासियों के उपयुक्त संबंधों, रंगबिरंगी पोशाकों, संगीत, नृत्य और संस्कृति के बारे में हमारी अपनी कल्पनाएं हैं। हम उन्हें पिछड़ा, असभ्य, गंदा और गैर-आधुनिक न जाने क्या-क्या कहते