प्यार का ज़हर - 22

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" सबसे पहले तो नमस्ते आंटी जी और नमस्ते अंकल जी कैसे हो सब नमस्ते राज जी "" रुको दिव्या आपको इनसे कोई बात करने की जरूरत नहीं है ठीक है हम कल ही जा रहे है बाहर ठीक है चलो और हयाती जी हमे माफ करना हम आपकी शादी तक नहीं रुक सकते हम जा रहे है चलो दिव्या "" अरे बाबा रुको शांत हो जाओ पहले ठीक है यहा आओ मेरे पहले अपना दिमाग शांत करो और सोचो की इनसे बड़ा कोन हो सकता ये बात आप भी जानते है कि इस दुनिया में मा बाप से बड़ा