नई सदी का पहला दशक बीतते- बीतते एक और बड़ा परिवर्तन दिखाई देने लगा। जनता को ये महसूस होने लगा कि सिने कलाकार केवल ऐसे सजावटी ख़ूबसूरत पुतले ही नहीं होने चाहिए जो सज- संवर कर नाच- गाते हुए केवल सतही मनोरंजन करें, बल्कि उनमें आम लोगों के सरोकारों को गंभीरता से उठाने का माद्दा भी होना चाहिए। इस परिप्रेक्ष्य में कुछ अच्छी और असरदार फ़िल्में भी आईं। साथ ही रूपरंग से लापरवाह नायकों की एक नई खेप भी अवतरित हुई। इनमें इमरान हाशमी, फरहान अख्तर, रणवीर सिंह, रणबीर कपूर, वरुण धवन, सिद्धार्थ मल्होत्रा, अर्जुन कपूर, अभय देओल, टाइगर श्रॉफ