ईमानदारी

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“हैलो, मिस्टर रमण! मैं इंसपेक्टर मुकुल बोल रहा हूँ। क्या आप कोतवाली आ सकते हैं?”- फोन के दूसरी तरफ से इंसपेक्टर ने कहा। “कोतवाली! पर क्यूं?”- पैंतालीस वर्षीय रमण ने हड़बड़ाते हुए पुछा। “आप कोतवाली आयें फिर यही सारी बातें होंगी।”- बोलकर इंसपेक्टर ने फोन रख दिया। पर रमण का मन अशांत हो गया। हालांकि इंसपेक्टर के कॉल करने की वजह का अंदाजा उन्होने लगा लिया था। दरअसल रमण की छोटी बेटी आभा का चयन भारतीय रिजर्व बैंक में अधिकारी पद पर हुआ था और अब केवल पुलिस सत्यापन होना बाकी था, जिसके लिए निकटतम थाने से कोई सूचना आने