प्रेम का कमल - 6

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फिर एक दिन मंगलवार की सुबह थी मार्च की हल्की सी ठंड में सूरज देवता भी मुस्कुरा रहे थे। नीरज रोज की तरह अपनी माँ के साथ दिल्ली के हनुमान मंदिर में दर्शन करने के बाद नीलिमा को कॉलेज के लिये पिक करने के लिए पहोंचा नीलिमा नीरज के बगल की सीट पर आकर बैठी हर रोज की तरह नीलिमा की सादगी नीरज के दिल को धड़का रही थी। नीलिमा उस दिन सादे कपड़ों में ही थी। फिर भी उसकी खूबसूरती नीरज को उसका दीवाना बना रही थी। उन्होंने अपने जीवन को लेकर कई फैसले लिये। उन्होंने बाते करते करते