अचानक किसी ने जोर से दरवाजा खटखटाया! आराध्या अनमने मन से उठ कर दरवाज़े तक गई। ये समय उसके पसंदीदा सीरियल अहिल्या का होता है और किसी भी प्रकार की रुकावट उसे खटकती थी। दरवाजे पर अनुपमा आंटी थी। आराध्या के चेहरे पर बड़ी सी मुस्कान खिल उठी। अब वो हैं ही ऐसी! उनके हाथ में एक टिफिन था।"माफ करना आरु! मुझे पता है तेरे सिरियल का टाइम है और मैं तूझे डिस्टर्ब नहीं करूंगी, आ साथ बैठ कर देखते हैं और ये ले गर्मागरम अरबी के पत्तों के पकौड़े... एक काम कर तू चाय चढ़ा ले।"अनुपमा आंटी बोलते हुए