जीवन की दार्शनिक परिभाषा अपनी जैविक परिभाषा से व्यापक रुप में भिन्न है। जीव विज्ञान जीवन के भौतिक पहलुओं को ही मानता है, जबकि दर्शन उन गुणों को मानता है जो जीवन को दूसरों के लिए योग्य बनाता है। इस निबंध में हम जीवन को समझने की कोशिश करेंगे, और जैविक और दार्शनिक दोनों बिन्दुओं से इसे देखने की कोशिश करेंगे। एक समृद्ध पारिस्थितिकी तंत्र जीवन के लिए बहुत आवश्यक होता है। जहां कही भी जीवन हो, वहां एक स्वस्थ पारिस्थितिकी तंत्र की आवश्यकता होती है, जो जीवन के विकास के अनुकुल हो। नीचे दिए गए निबंध में जीवन के