महेश कटारे-छछिया भर छाछ की धडकनें रामगोपाल भावुक हमारा देश कृषि प्रधान है। हिन्दी कहानी में मुंशी प्रेमचन्द्र ने सबसे पहले किसानों की व्यथा कथा कहना शुरू की थी। इसी नब्ज को पकड़कर भाई महेश कटारे चल पड़े हैं। वे मूलतः किसान हैं। उनकी किसानों की समस्याओं पर बचपन से ही गहरी दृष्टि रही है, उन्होंने आसपास के वातावरण को खंगाला है, इसी कारण उनके लेखन की दिशा और दशा ग्रामीण जीवन से स्वतः ही जुड गई हैं। रचनाकार का अपने आसपास के समाज से गहरा सरोकार रहता हैं। देश के प्रसिद्ध कथाकार प्रिय भाई महेश कटारे की प्रसिद्ध कृति