अपने दो बेटों और एक बेटी की शादी वह कर चुके थे।शादी करने से पूर्व उन्होंने अपने बच्चों की राय जानना भी जरूरी नही समझालेकिन रमेश को विश्वास था कि उसके साथ ऐसा नही होगा।उसके ऐसा सोचने के पीछे कारण भी था।रमेश श्याम लाल का सबसे छोटाऔर लाडला बेटा था।उसे पिता के प्यार के साथ पूरी आजादी भी मिली थी।गांव में इंटर की पढ़ाई पूरी करने के बाद पिता ने उसकी आगे पढ़ने की इच्छा जानकर उसे आगे की पढ़ाई के लिए शहर भेज दिया था।पढ़ाई पूरी करने के बाद रमेश ने अपने बड़े भाइयो की तरह पुश्तेनी पैसे खेती