भीखूँ देखता है, तो वहां सुप्रिया नहीं होती है। सुप्रिया अपने आपको वापस अपने घर में पाती हैं कुछ पल को उस ये सब सपना सा लगा। लेकिन जब उसने अपने हाथ - पैरो में मिट्टी लगी देखी तो उसे सब कुछ सच लगा। सुप्रिया थोडी डर जाती है। कुछ देर के लिए वो किताब बंद कर अपने किचन में आती हैं, उसे बहुत भूख और प्यास लगती है, और बहुत थकान भी महसूस करती हैं। फ्रिज में से फ्रूट जूस निकल कर पीती हैं और सोफे पर बैठ कर सोचे लगती है, कुछ ही देर में उसे नींद आ