उजाले की ओर--संस्मरण

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एक अविस्मरणीय पर्यावरण दिवस  ---------------------------------------- नमस्कार स्नेही मित्रों      आज आप सबसे अपने जीवन का हाल का ही एक ऐसा दिन साझा करना चाहती हूँ जो मेरे लिए बहुत महत्वपूर्ण रहा | आशा है, अप सब भी मेरे साथ इसको जानकार, पढ़कर आनंदित होंगे |     यह रिपोर्ट है, स्नेही मित्र इसे पढ़कर आनंद लें |      पुस्तक विमोचन के कार्यक्रम हर दिन होते हैं लेकिन दिनांक 5 जून का एक ऐसा दिन था जो सदा अविस्मरणीय रहेगा |    कार्यक्रम था 75 वर्ष अपनी आज़ादी का महोत्सव, विश्व पर्यावरण दिवस, प्रख्यात साहित्यकार डॉ.प्रणव भारती के 75वें दिवस