11 नए जीवन की खुलीं खिड़कियाँ वह अधेड़ सज्जन थे गिरीशमोहन शर्मा। दिल्ली के एक सरकारी स्कूल के अध्यापक थे। साइंस पढ़ाते थे। उनकी पत्नी भी अध्यापिका थीं। पास के एक मॉडल स्कूल में अंग्रेजी पढ़ाती थीं... थोड़े दिनों में ही गोलू ने जान लिया कि यह परिवार सचमुच अच्छा है। मालकिन यानी सरिता शर्मा थोड़े सख्त स्वभाव की थीं, पर दिल की बुरी नहीं थीं। गोलू जल्दी ही उनके स्वभाव से परच गया। वह जान गया कि मास्टर जी तो भले हैं। उनसे कोई मुश्किल नहीं आएगी, पर अगर यहाँ टिकना है तो मास्टरनी जी का दिल जीतना होगा।