एक था ठुनठुनिया - 11

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11 क्लास में पहला दिन स्कूल में दाखिला लेने के बाद ठुनठुनिया अगले दिन पहली कक्षा में पढ़ने गया। वहाँ मास्टर अयोध्या बाबू हिंदी पढ़ा रहे थे। ठुनठुनिया कक्षा में जाकर सबसे पीछे बैठ गया और अपनी किताब खोल ली, पर उसकी समझ में नहीं आ रहा था कि मास्टर जी क्या पढ़ा रहे हैं? पढ़ाते-पढ़ाते मास्टर जी का ध्यान ठुनठुनिया की ओर गया, तो उन्होंने उसकी ओर उँगली उठाकर पूछा, “क्या नाम है तुम्हारा?” “जी, ठुनठुनिया...!” ठुनठुनिया ने खड़े होकर बड़े अदब से बताया। “ठुनठुनिया! यह तो अजीब नाम है!” मास्टर अयोध्या प्रसाद कुछ सोच में पड़ गए। फिर