कहते हैं, जब बुरा वक्त आता है तो अपने भी साथ छोङ जाते हैं और जो साथ देता है वह बिना मतलब तो कतई नहीं. संस्कृति के साथ भी ऐसा ही हुआ जब उस के पति अविनाश को कोरोना हुआ... अविनाश सुबह समय पर उठा नहीं तो संस्कृति को चिंता हुई. उस ने अविनाश को उठाते हुए उस के माथे पर हाथ रखा. माथा तप रहा था. संस्कृति घबरा उठी. अविनाश को तेज बुखार था. 2 दिन से वह खांस भी रहा था. संस्कृति ने कल इसी वजह से उसे औफिस जाने से मना कर दिया था. मगर आज तेज