अहसास दबे-दबे से

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सुबह के आठ बज रहे थे। अरे! लीना, तुम अभी तक सो रही हो। उठो, याद है न! आज पार्टी में जाना है। वहां लड़के वाले तुम्हें देखने आएंगे। "लीना की मामी ने अंदर आते हुए कहा"। हां मामी, याद है। पर, मैं आपको कैसे बताऊं कि, मेरा शादी करने का अभी बिल्कुल मन नहीं है। अभी मैं कुछ करना चाहती हूं, कुछ बनना चाहती हूं। "लीना ने महत्वाकांक्षी लहजे में कहा।" अरे, मन का क्या है! उसे तो जरूरतों के आगे झुकना पड़ता है। फिर, सब आदत के मोहताज हो जाते हैं। एक बार शादी हो जाए फिर, वो