एंग्री यंगमैन युग की मारधाड़, हिंसा, प्रतिशोध, धोखाधड़ी, हेराफेरी वाली फ़िल्मों के लगातार आने और सफल होने के कारण कुछ समय के लिए ऐसा लगने लगा कि फ़िल्मों से मनोरंजन तत्व ही गायब हो रहा है, मधुर संगीत गायब हो रहा है, निस्वार्थ निश्छल प्रेम गायब हो रहा है और कोमल भावनाएं फिल्मी पर्दे के साथ साथ जीवन से भी ओझल होती जा रही हैं। इनकी जगह मुखर मुद्दे उछल रहे हैं, हिंसा भड़क रही है, प्रतिशोध धधक रहा है, लापरवाही फैल रही है और बेरुखी पनप रही है। मनोरंजन उद्योग में मनोरंजन न रहा। कुछ लोग इस तरह की