17 सबसे सुंदर दीए किस के? राजा कृष्णदेव राय दीवाली का पर्व बड़े आनंद-उल्लास के साथ मनाते थे। इस अवसर पर विजयनगर की प्रजा का उत्साह भी देखते ही बनता था। घर-घर मंगल दीप जलते। नगर में जगह-जगह फूल-पत्तों और रंग-बिरंगी झंडियों से बंदनवार सजाए जाते। राजधानी के प्रमुख राजमार्गों और चौराहों को भी रंग-बिरंगी अल्पनाओं और दीपमालिकाओं से सुशोभित किया जाता। मृदंगम लिए गायकों की टोलियाँ हर तरफ घूमती हुई रामकथा के साथ-साथ विजयनगर के गौरवपूर्ण इतिहास को भी मोहक गीत-संगीत में ढालकर प्रस्तुत करतीं तो सुननेवालों की भीड़ लग जाती। हर बार दीवाली पर विजयनगर की एक अलग