आज से लगभग 50 वर्ष पूर्व जब मैं विवाहोपरांत ससुराल पहुंची थी तो सास के बाद सर्वप्रथम परिचय मलकिन से ही हुआ था।वैसे तो वे रिश्ते में मेरी तयेरी जिठानी लगती थीं, लेकिन मेरी सासुमां से केवल 7-8 वर्ष ही छोटी थीं।उस जमाने में सास-बहू की डिलिवरी साथ -साथ होना सामान्य बात थी।मात्र 14 वर्ष की उम्र में जब वे ब्याह कर आईं थीं, उसी समय मेरे पति का जन्म हुआ था।14 साल की अल्हड़ सी उम्र में कहाँ गम्भीरता होती है, मेरी सास ने बड़ी बहन की तरह उन्हें अपने स्नेह की छत्रछाया में छिपा लिया था।उनका नाम था