डॉक्टर विद्या सागर एक प्रसिध मनोचिक्त्सक थे. वे हर रोज की तरह पेशेंट को देख रहे थे कि एक व्यक्ति ने उनके कक्ष में प्रवेश किया, जिसने बड़े सलीके से जींस व उस पर गोल गले की टी शर्ट पहनी हुए थी, उम्र उसकी 50 वर्ष के लगभग रही होगी. चेहरे पर थोड़ी परेशानी झलक रही थी. “बताइये क्या परेशानी है” डॉक्टर ने पूछा. वह व्यक्ति कुछ क्षण खामोश रहा, जैसे सोच रहा हो बात कैसे शुरू करूँ. ‘शर्माइये मत, जो भी है आप मुझे बताएं’ “डॉक्टर साहब, ऐसे मुझे कोई बीमारी तो नहीं है पर दुसरे लोगों के व्यवहार