61--कदम से कदमदूल्हा ज्यो ही घोड़ी से उतरकर जमीन पर खड़ा हुआ।दरवाजे पर वरमाला लिए खड़ी दुल्हन की नज़र उस पर पड़ी।दूल्हे को देखकर उसने एक क्षण के लिए सोचा और फिर वरमाला फ्रंककर भागी।"क्या हुआ बेटी?"बेटी का अप्रत्याशित व्यवहार देखकर माँ बाप भी उसके पीछे पीछे भागे थे।दुल्हन कमरे में आकर पलँग पर पड़ गयी।उसे समझ मे आ गया था लड़का बिना उसे देखे और बिना दहेज लिए क्यो उससे शादी करने के लिए तैयार हो गया था।"दूल्हा दरवाजे पर खड़ा है और तू यहां चली आयी।लोग क्या सोच रहे होंगे,"माँ बेटी से बोली,"चल।वरमाला की र श्म निभानी है।""मैं