जुनून - इश्क या बदले का... - 12

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अगली सुबह...सिमरन आज जल्दी ही उठ गई थी । इसी लिए वो रेडी होके नीचे चली जाती है। जब वो नीचे आती है तो उसे कोई नहीं दिखता तो वो समझ जाती है कि अभी तक सब सो रहे है। तो वो घर के मंदिर कि तरफ़ चली जाती है। चाहे दादी कितनी भी मॉर्डन जमाने कि क्यों ना हो । पर सिमरन जानती है कि वो पूजा पाठ में भी बोहोत मानती है। और रोज़ सुबह पूजा करती है।इसीलिए सिमरन मंदिर में जाके वहां कि साफ़ सफाई अच्छे से कर देती है । फिर वो कान्हा जी कि फूलों