पिटी हुई गोट--(शिवानी की कहानी)

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पिटी हुई गोट--(शिवानी की कहानी) दिवाली का दिन. चीना पीक की जानलेवा चढ़ाई को पार कर जुआरियों का दल दुर्गम-बीहड़ पर्वत के वक्ष पर दरी बिछाकर बिखर गया था. एक ओर एक बड़े-से हंडे से बेनीनाग की हरी पहाड़ी चाय के भभके उठ रहे थे, दूसरी ओर पेड़ के तने से सात बकरे लटकाकर आग की धूनी में भूने जा रहे थे. जलते पशम से निकलती भयानक दुर्गंध, सिगरेट व सिगार के धुएं से मिलकर अजब खुमारी उठ रही थी. नैनीताल से चार मील दूर, एक बीहड़ पहाड़ी पर जमा यह अड्डा आवारा रसिकजनों का नहीं था. सात-आठ हज़ार से