शाह की कंजरी--(अमृता प्रीतम की कहानी)

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शाह की कंजरी--(अमृता प्रीतम की कहानी) उसे अब नीलम कोई नहीं कहता था. सब शाह की कंजरी कहते थे. नीलम को लाहौर हीरामंडी के एक चौबारे में जवानी चढ़ी थी. और वहां ही एक रियासती सरदार के हाथों पूरे पांच हज़ार में उसकी नथ उतरी थी. और वहां ही उसके हुस्न ने आग जला कर सारा शहर झुलसा दिया था. पर फिर वह एक दिन हीरा मंडी का रास्ता चौबारा छोड़ कर शहर के सबसे बड़े होटल फ़्लैटी में आ गई थी. वही शहर था, पर सारा शहर जैसे रातों-रात उसका नाम भूल गया हो, सबके मुंह से सुनाई देता