हां सही है की, "आज के ज़माने में स्त्री यदि वेस्टर्न ड्रेस पहने तो बेशर्मी और साड़ी पहने तो उसे संस्कार।" कहते है। हां यह भी सही है की अब काफी सारे समाज और सोसायटी में स्त्री को अपने कपड़ों के चयन के संदर्भ में कोई बंधन नहीं रखते। क्या किस हद तक उचित है और क्या किस हद तक अनुचित यह हर व्यक्ति अपनी तरह से तय करता है। हां,आज की तकरीबन हर स्त्री के मन में यह प्रश्न जरूर होता होगा की, साड़ी पहने तो उनकी पीठ, कमर सरेआम दिखते है वहां सब संस्कार कहते है और वेस्टर्न