लीला - (भाग 30) - अंतिम भाग

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दियाबत्ती के घंटे भर बाद जबकि, बिजली अचानक चली गई और पेड़ जुगनुओं की बदौलत बिजली की झालरों की तरह जगमगा उठे...तब रेस्ट हाउस के लान में कलेक्टर शोजपुर की जीप धीरे से आकर रुकी और उस शख़्स को उतार कर वापस चली गई जिसका लीला को बड़ी बेसब्री से इंतजार था! ...आते ही उसने परदा उठाकर कमरे में जैसे ही झाँका, लीला पर नज़र पड़ते ही हड़बड़ा गया, ‘‘देर तो नहीं हुई?’’ उसे जैसे याद आ गया कि मैंने तुम्हें यहाँ कबसे बिठा रखा है, ‘‘सारी! एक मिनट और...आता हूँ अभी!’’ वह क्षमा-सी माँग उन्हीं पाँवों लौट गया। और