राज-सिंहासन--भाग(५)

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राजकुमार सहस्त्रबाहु अनादिकलेश्वर ऋषि के आश्रम में बिल्कुल सुरक्षित थे,कोई भी वशीकरण शक्तियांँ उन्हें कोई भी हानि नहीं पहुँचा सकतीं थीं,उनकी रक्षा के लिए महामंत्री भानसिंह सदैव तत्पर थे और माँ हीरादेवी तथा पिता घगअनंग उन्हें पुत्र सा ही दुलार दे रहे थे, इधर वीरभद्र को एक ऋषिकन्या से प्रेम हो गया,उसने ये बात भानसिंह से कही एवं भानसिंह ने उस ऋषिकन्या केतकी का विवाह वीरभद्र से करवा दिया एवं शम्भूनाथ को राजा वनराज के सेवकों में से एक सेविका भा गई थी जिसका नाम मधुमती था,इसलिए भानसिंह ने वनराज को ये संदेशा भेजा कि यदि आप मधुमती और शम्भूनाथ