ईश्वर ने जब संसार की रचना की तब उसने रचनात्मकता के शिखर पर नर और नारी की रचना की, नर व नारी यानी शिव और शक्ति, जिससे संसार पूर्ण होता है, स्त्री व पुरुष दोनों एक-दूसरे के पूरक हैं, एक-दूसरे के बिना वे आधे-अधूरे हैं, ईश्वर ने पुरुष को सशक्त एवं शक्तिशाली बनाया तो नारी को कोमल तथा प्रेममयी। देश बदल रहा है महिलाओं की दशा में सुधार आ रहा है, समय के साथ साथ नारी शक्ति और सशक्त होती जा रही है,परिवर्तन प्रकृति का नियम है ये बात तो सत्य है, किन्तु परिवर्तन का क्या परिणाम हुआ है और