अधूरा पहला प्यार (आठवी किश्त)

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"अच्छा तुम रुको।मैं अभी आया"मीरा के मौसा उससे बात करते हुए उसे रुकने की कहकर चले गए तो मनोहर को दाल में कुछ कला नज़र आया था।मीरा भी वही मौजूद थी।मौसा के जाने के बाद मनोहर,मीरा से बोला,"केसी हो?"'अच्छी हूँ।तुम्हारे सामने हूँ।"अपने बारे में बताते हुए मीरा बोली,"मैने सुना है।तुम अब मथुरा मे ही रहते हो।गांव नही जाते।"मनोहर,मीरा को चाहता था,उससे प्यार करता था और उससे उसके शारीरिक सम्बन्ध भी स्थापित हो चुके थे इसलिए वह उसे अपना समझता था इसलिए उसे सब कुछ सच बता दिया था।लेकिन फिर उसे एहसास हुआ कि मीरा को अपने बारे में सत्य बता