२८.बनारस की वो रात शादी के दूसरे दिन ही अपर्णा पगफेरो की रस्म के लिए अपनें घर आई। वंदिता जी ने अपर्णा की पसंद का खाना बनाकर तैयार रखा था। सब ने आज़ साथ बैठकर खाना खाया। फिर रूद्र अपर्णा को लेने आ गया। दोनों की आज़ शाम की बनारस जाने की फ्लाईट थी। अपर्णा ने घर आकर पेकिंग करना शुरू कर दिया। रूद्र भी उसकी मदद करनें लगा। अचानक ही उसे शरारत सूझी तो उसने अपर्णा को कमर से पकड़कर उसे अपनी ओर खींचकर कहा, "वैसे उस दिन तो मैं तुम्हारी गोद में गिरा तो तुमने मुझे बहुत सुनाया