ममता की परीक्षा - 22

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ममता की परीक्षा ( भाग - 22 ) कुछ देर बाद तीनों शहर में एक चौराहे के नजदीक एक रेस्टोरेंट में बैठे चाय की चुस्कियां ले रहे थे। चाय की चुस्कियों के बीच ही साधना ने अपने बारे में पूरी बात गोपाल को बता दी थी।उसके पिता श्री किशुनलाल एक शिक्षक हैं। वह सुजानपुर गाँव में रहते हैं। ग्रामीण परिवेश में रहने के बावजूद वह प्रगतिशील विचारों वाले इंसान हैं। उनके विचार उनकी बातों तक ही सिमित नहीं बल्कि उनके विचार उनके आचरण में भी झलकते हैं। उनकी नजर में बेटी या बेटे में कोई फर्क नहीं है तभी तो