जीवन का गणित - भाग-9

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भाग - 9 मॉर्निंग ट्रेनिंग को अभी चार ही दिन हुए थे, कि नए मिले सर्कुलर ने धमाका किया कि थर्ड ईयर के सेकिंड सेमेस्टर एग्ज़ाम्स नियत तारीख़ से एक हफ्ते पहले ही स्टार्ट होने वाले थे।वैभव और आयुषी दोनों ही सकते में आ गये थे, पहले दूसरे साल के एग्जाम इतने कठिन नहीं लगे थे, तैयारी के लिए पूरा वक्त मिला था। मगर अब तो जैसे दुनिया भर की ज़िम्मेदारियाँ उन पर आ लदी थीं। उस पर हॉस्पिटल की ड्यूटी भी और ज़्यादा थका देने वाली होने लगी थी। कुछ और करने की हिम्मत नहीं बचती दिन ख़त्म होते-होते।