यहां... वहाँ... कहाँ ? - 15 - अंतिम भाग

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अध्याय 15 पिस्टल को लिए हुए अंदर आए अग्निहोत्री को देख.... बोथम के पसीना बहना कम होकर चेहरा खिल गया। "ठीक है टाइम पर आए हो मिस्टर अग्निहोत्री! कुछ भी योजना बनाकर हमने अपने काम को अंजाम देने में कहीं ना कहीं कुछ छोटी गलती रह जाती है। टाइम्स ऑफ इंडिया को पढ़कर.... आपको जो चाहिए उस समाचार को काट कर बाकी पेपर को कचरे में फेंकना चाहिए था।" "उसे नहीं करने से पेपर को तिपाया के ऊपर रख देने से यह गलती हुई। इस पेपर को पढ़कर इसने पहचान लिया विवेक को स्कॉटलैंड पुलिस में रहना चाहिए!" अग्निहोत्री अपने