अगली सुबह जब अमायरा उठी तोह वोह कबीर की बाहों में लिपटी हुई थी। रोज़ की तरह कबीर ने नही उसे जकड़ रखा था। बल्कि अमायरा खुद कबीर की बाहों में समाई हुई थी, एकदम करीब। जब उसे रियलाइज हुआ तोह वोह शॉक रह गई। वोह बहुत धीरे से उससे दूर हुई की कहीं कबीर की नींद न खुल जाए, और फिर उसके सामने अमायरा को शर्मिंदा होना पड़े। उसने बहुत ही धीरे से अपने आप को कबीर से अलग किया और सीधे उठ कर वाशरूम में घुस गाई। उसकी सांसे अटकी हुई थी वोह वहीं जाकर ज़ोर ज़ोर से